श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
हे नाथ नारायण वासुदेवा ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।
एक मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
हे नाथ नारायण वासुदेवा ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
हे नाथ नारायण वासुदेवा ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।
बंदीगृह के तुम अवतारी,कहीं जन्मे कही पले मुरारी।
किसी के जाये किसी के कहाये ,है अद्धभुत हेर बात तुम्हारी।
है अद्धभुत हेर बात तुम्हारी।
गोकुल मे चमके मथिरा के टारे ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
हे नाथ नारायण वासुदेवा ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।
आधर पे बंसी ह्रदय मे राधा,बट गए दोनों मे आधे आधे।
हे राधा नगर हे भक्त वत्सल ,सदैव भक्तों के काम साधे।
सदैव भक्तों के काम साधे।।
वही गए जहांगए पुकारे। हे नाथ नारायण वासुदेवा।
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेवा।
हे नाथ नारायण वासुदेवा ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।
गीता का उपदेश सुनाया,धरम युद्ध को धर्म बताया।
कर्म तू कर मत रख फल की इछ्या,यह सन्देश तुम्ही से पाया।
अमर है गीता के बोल सरे ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेवा।
हे नाथ नारायण वासुदेवा ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव ,त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या च द्रविड़ं त्वमेव ,त्वमेव सर्वं मम देव देवा।
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेवा।
हे नाथ नारायण वासुदेवा ,हे नाथ नारायण वासुदेवा।
हरि बोल, हरि बोल, हरि बोल, हरि बोल।
राधे कृष्णा राधे कृष्णा ,राधे राधे कृष्ण कृष्णा।
राधे कृष्णा राधे कृष्णा, राधे राधे कृष्णा कृष्णा।
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