होली खेल रहे नंदलाल मथुरा की कुंज गलीन में भजन लिरिक्स | Holi Khel Rahe Nandlal Mathura Ki Kunj Galiyan Me Bhajan Lyrics

holi khel rahe nandlal mathura ki kunj galiyan me bhajan
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 होली खेल रहे नंदलाल मथुरा की कुंज गलीन में भजन लिरिक्स 

 

 

होली खेल रहे नंदलाल मथुरा की कुंज गलीन में,

 

मथुरा की कुंज गलिन में गोकुल की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल….
वो ग्वाल बाल संग आते गलियों में धूम मचाते,
ऐसे नटखट दीनदयाल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल….
हम संग सखियों के जावे मार्ग में ठाड़े पांवे,
हमें रहता यही मलाल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल….
कभी बंसी मधुर बजावे कभी भारी रंग बरसावे,
कभी देवे उड़ाए गुलाल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल….
वो तो नए कलश मंगवाए और उन में जल भरवाए,
अरी रंग घोल रहे नंदलाल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल….
मेरे भर पिचकारी मारी चुंदर कि आव बिगाड़ी,
अरी मेरे माथे मलो गुलाल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल….
कोई ढोल सितार बजावे कोई हर्ष हर्ष होरी गावे,
अरे कोई नाचे दे दे ताल मथुरा की कुंज गलीन में,
होली खेल रहे नंदलाल….

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